“न्यू रत्न जी, आप उन तथ्यों को दरबार के सामने रखें, जिससे यह साबित हो सके कि पेपर लीक होने की बात मिथ्या है।” – बादशाह ने कहा।
“जी, अवश्य जहाँपनाह। अगर आपकी इजाजत हो तो मैं कुछ प्रयोगों के आधार पर अपनी बात साबित करने की इजाजत चाहुँगा।” – न्यू रत्न ने कहा।
दरबार में बैठे सभी लोगों के साथ-साथ दरबार में उपस्थित सौरत्नों के चेहरों पर कौतुहल साफ देखा जा सकता था। सभी समझने की कोशिश कर रहे थे कि न्यू रत्न क्या करने वाले हैं।
“जहाँपनाह, मैं दरबार में कुछ सामग्री पेश करना चाहता हुँ।” – न्यू रत्न ने कहा।
“इजाजत है।”
बादशाह की समझ में भी कुछ नहीं आ रहा था कि न्यू रत्न क्या करने जा रहे हैं।
न्यू रत्न ने ताली बजायी। दरबानों द्वारा दरबार के बीचों-बीच एक मेज रख दी गयी। फिर उसके ऊपर चद्दर से ढकी, एक चौकोर सी दिखने वाली चीज रख दी गयी। एक दूसरा दरबान, एक दस लीटर का गैलेन और कुछ सामग्री लेकर आया। उस सामग्री को भी मेज के पास रख दिया गया।
किसी की समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या होने वाला है। सभी की निगाहें उत्सुकता से न्यू रत्न पर लगी हुयी थी।
न्यू रत्न ने मेज में रखी, चौकोर चीज के ऊपर रखी चद्दर हटा दी और बादशाह की तरफ मुख़ातिब होते हुए बोलना शुरू किया।

“महाराज, यह बॉक्स जो आप मेज पर देख रहे हैं, यही वह बॉक्स हैं, जिनके अंदर पेपर रखे गए थे। इस बॉक्स पर कोई छेद नही था। पर मैंने जानबूझ कर इसके चारों किनारों पर और निचली सतह पर कुछ छेद कर दिए हैं। अब मैं यह पानी का गैलेन इसमें उड़ेल रहा हूँ।”
न्यू रत्न ने पानी गैलेन बॉक्स के अंदर उड़ेल दिया। पानी बॉक्स के नीचे से व चारों तरफ से बाहर निकलने लगा।
न्यू रत्न ने सबसे सवाल किया – “क्या पानी लीक हो रहा है?”
सबने कहा- “हाँ, हो रहा है।”
ज़ब सब पानी बॉक्स से बाहर निकल गया। अब न्यू रत्न ने एक मोटी सी धूप बत्ती जलाकर बॉक्स के अंदर रखकर उसका ढक्कन बन्द कर दिया। थोड़ी देर में धुआँ बॉक्स में किए गए छेदों से बाहर निकलने लगा। न्यू रत्न ने फिर सबसे सवाल किया – “क्या धुआँ लीक हो रहा है?”
“हाँ, हो रहा है।”- सबने कहा।
न्यू रत्न ने फिर जोर देकर दरबार में बैठे सभी लोगों से कहा – “जोर से बोलो, लीक हो रहा है कि नहीं हो रहा है।”
“हाँ, हाँ, हो रहा है।” – सभी जोर से चिल्लाये।
दरबार में बैठे लोगों की समझ में नहीं आ रहा था कि न्यू रत्न यह सब क्यों कर रहे हैं।
न्यू रत्न ने बॉक्स के अंदर से धूप को बाहर निकाल दिया। और अब बहुत सारे पेपर्स के बण्डल बॉक्स के अंदर रख दिए। और बॉक्स का ढक्कन बन्द कर उस पर ताला लगा कर, दरबार में बैठे लोगों की तरफ मुख़ातिब हुए – “आप लोग बताइये, क्या पेपर लीक हो रहे हैं?”
सभी ने कहा- “नहीं हो रहे हैं।”
“जरा जोर से बोलो, पेपर्स लीक हो रहे हैं कि नहीं हो रहे हैं ?”
सबने एक बार फिर जोर से चिल्ला कर कहा – “नहीं हो रहे हैं।”
“जहाँपनाह, दूध का दूध, पानी का पानी आपके सामने है। यह स्थिति तब है, ज़ब मैंने इस बॉक्स पर ऊपर नीचे, जगह जगह छेद किए हुए हैं। तब भी कोई पेपर लीक नहीं हुआ। मूल बॉक्स में कोई छेद नहीं होते। इसलिए पेपर लीक होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसलिए जो भी लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि पेपर्स लीक हुए हैं, यह आपको बदनाम करने की साजिश है। अतः ऐसे लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दायर कर इनको जेल में डाल दिया जाना चाहिए। महाराज की जय हो, मुझे बस यही कहना है।”
बादशाह, ने आपने गले से मोतियों की माला निकाल कर न्यू रत्न के गले में डाल दी और बोले – “वाह! न्यू रत्न हमको तुम पर गर्व है।”
बादशाह ने पेपर लीक की बात कर रहे युवाओं को जेल में डालने का हुक्म दे दिया।
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समाप्त.
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