क्या शारीरिक शिक्षा का पद समाप्त करना सही निर्णय है? – भाग -2

आज के समय में, जब बच्चे मोबाइल और डिजिटल उपकरणों में अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे में शारीरिक गतिविधियों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। शारीरिक शिक्षक न केवल खेल-कूद सिखाते हैं, बल्कि छात्रों को फिटनेस और स्वास्थ्य का ज्ञान देते हैं। इस पद के हटने से इस जागरूकता में कमी आना निश्चित है। अभी भी अधिकतर स्कूल परीक्षा और होमवर्क के दबाव में खेल के समय को सीमित कर देते हैं। शारीरिक शिक्षक के न होने से जो थोड़ा बहुत शारीरिक गतिविधियाँ या खेल-कूद स्कूलों में होते हैं, वह भी समाप्त हो जायेंगे।यदि शारीरिक शिक्षक के पदों को समाप्त करने का कारण वित्तीय बाधाएँ हैं, तो यह सोचने की आवश्यकता है कि क्या हम बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास को वित्तीय बचत पर प्राथमिकता दे सकते हैं? शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि बच्चों का समग्र विकास होना चाहिए। स्कूलों में शारीरिक […]

Is Abolishing the Post of Physical Education a Right Decision? – Part 1

If education is viewed from a narrow, economic profit-and-loss perspective, it may seem like a right decision. If education is only about literacy, this could be considered a good decision. However, if education is viewed in its broader sense, from the perspective of educators, then it is an incorrect decision. The true purpose of education is the holistic development of children, which includes their physical, mental, and emotional growth. The real meaning of education is to prepare children for every aspect of life, which includes the development of their logical thinking, creativity, physical health, and emotional balance. If education is limited only to academic achievements and the physical and emotional aspects are ignored, it would be considered incomplete and unbalanced education. Physical education is an integral part of children’s overall development. It is not only necessary for maintaining children’s health but also strengthens their personality, discipline, and mental balance. Without […]

क्या शारीरिक शिक्षा का पद समाप्त करना सही निर्णय है? – भाग -1

अगर शिक्षा को संकीर्ण और आर्थिक नफा- नुकसान के नजरिये से देखें तो यह एक सही निर्णय है। अगर शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान है, तो भी यह एक अच्छा निर्णय कहा जाएगा। परन्तु यदि शिक्षा को उसके वृस्तृत रूप में और शिक्षाविदों के नजरिये से देखेंगे तो यह एक गलत निर्णय है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है, जिसमें बच्चे का शारीरिक, मानसिक व संवेगात्मक विकास सम्मिलित है। शिक्षा का वास्तविक अर्थ है—बच्चे को जीवन के हर पहलू के लिए तैयार करना है। जिसमें उसकी तार्किक सोच, रचनात्मकता, शारीरिक स्वास्थ्य और भावनात्मक संतुलन का विकास सम्मिलित है। यदि शिक्षा को केवल अकादमिक उपलब्धियों तक सीमित कर दिया जाएगा और शारीरिक व भावनात्मक पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया जाएगा, तो यह एक अधूरी और असंतुलित शिक्षा मानी जाएगी। शारीरिक शिक्षा बच्चों के समग्र विकास का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को बनाए […]