अकबर-बीरबल द्वितीय और ऑनलाइन हाजरी’ -भाग -2

“महाराज, गुस्ताखी माफ हो। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता में क्या और कैसे सुधार होगा?” – बीरबल ने कहा।

“रोज़ाना डेटा अपलोड करने से प्रशासन को तुरंत पता चल सकता है कि किस दिन कितने छात्र और शिक्षक अनुपस्थित हैं। यह त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने में हमारी मदद करेगा। – न्यूरत्न ने चर्चा को आगे बढ़ाया।

“महाराज! माना किसी स्कूल में यदि 10 शिक्षक और 100 छात्र हैं। आज उनमें से 04 शिक्षक अवकाश पर हैं या अनुपस्थित हैं। और छात्रों में भी 50 छात्र अनुपस्थित हैं। हम क्या त्वरित कदम उठा सकते हैं? हमारे पास शिक्षकों का कोई अतिरिक्त पूल नहीं है, कि हम उनको वहाँ भेज दें, जहाँ शिक्षक अनुपस्थित हैं। और न ही हमारे पास ऐसी कोई व्यवस्था है कि जो अनुपस्थित बच्चों को घर से विद्यालय में ला सके।
महाराज, यह रोज-रोज की ऑनलाइन उपस्थिति प्रशासनिक दृष्टिकोण से से तो सही है पर शैक्षणिक दृष्टिकोण से नहीं। यह शिक्षकों के लिए बोझ बन जाएगी। यह शिक्षकों के लिए अनावश्यक दबाब का कार्य करेगी और शिक्षा की गुणवत्ता, इससे नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। शिक्षकों के ऊपर पहले से ही कई गैर शैक्षणिक कार्य हैं। यह एक अतिरिक्त कार्य शामिल हो जाएगा।” – बीरबल ने अपनी बात को आगे बढ़ाया।

“महाराज, शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं। प्रतिदिन उपस्थिति के डर से वह अवैध रूप से अनुपस्थित नहीं रह पायेंगे। उनको स्कूल जाना ही पड़ेगा।” – न्यूरत्न ने अपना तर्क प्रस्तुत किया।

“महाराज, यह कहना कि शिक्षक स्कूल नहीं जाते, ऐसा सामान्यीकरण करना उचित नहीं है। हो, सकता है कि कुछ शिक्षक स्कूल नहीं जाते होंगे। पर हर स्कूल में बायोमेट्रिक मशीन लगी है, शिक्षकों की निगरानी के लिए ग्राम शिक्षा समिति, पी0टी0ए0, एस0एम0सी0, संकुल शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी आदि कई लेयर की निगरानी व्यवस्था है। इन सबके बाबजूद शिक्षक विद्यालय नहीं जाते तो यह आश्चर्य पैदा करता है। अगर शिक्षक स्कूल नहीं जाते तो इतनी लेयर की निगरानी व्यवस्था की असफलता है। इस पर भी बात होनी चाहिए। केवल शिक्षकों को दोषी ठहराना उचित नहीं है। मान लिया कि शिक्षक स्कूल नहीं जाते। जब शिक्षक इतना शक्तिशाली है कि वह इन सब 8-10 निगरानी लेवल को चकमा दे सकता है, तो क्या इस ऑनलाइन व्यवस्था को चकमा नहीं दे सकता?
माना उन 10 में से 04 शिक्षक अवैध रूप से अनुपस्थित हैं। और प्रशासन को पता भी चल गया। तब प्रशासन क्या त्वरित कार्यवाही करेगा? ज्यादा से ज्यादा उन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा। पर किसी शिक्षक पर कार्यवाही करने से, शिक्षा की गुणवत्ता में कौनसा सुधार होगा?” – बीरबल ने अपने तर्क रखे।

“महाराज, छात्रों की उपस्थिति और अनुपस्थिति से हम उन कारणों को ढूंढने का प्रयास कर सकते हैं जिनकी बजह से वह अनुपस्थित रह रहे हैं।”- न्यूरत्न ने अपनी बात रखी।

“महाराज, यह सही है कि रोज़ाना डेटा अपलोड करने से प्रशासन को भले ही त्वरित जानकारी मिल जाएगी, लेकिन छात्रों की अनुपस्थिति के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाएगा।
छात्रों की उपस्थिति को मॉनिटर करने का उद्देश्य उनकी शिक्षा में नियमितता सुनिश्चित करना है। लेकिन इसका विश्लेषण मासिक या त्रैमासिक आधार पर करना अधिक व्यावहारिक है। 
ऑफलाइन हर दिन छात्रों की उपस्थिति को रजिस्टर में दर्ज किया ही जाता है। और महीने के अंत में उपस्थिति और अनुपस्थिति का टोटल रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, उसी डेटा का उपयोग प्रशासनिक रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है। मेरे दृष्टिकोण में त्रैमासिक डेटा छात्रों की अनुपस्थिति के रुझान (पैटर्न) को समझने में अधिक सहायक होगा।
रोज़ाना उपस्थिति डेटा अपलोड करने की अनिवार्यता से शिक्षा व्यवस्था में “प्रक्रिया” को “उद्देश्य” से अधिक महत्वपूर्ण बना दिया जाएगा।
शिक्षा का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास और शिक्षकों के योगदान को प्रोत्साहित करना है। इसे अनावश्यक प्रशासनिक दबाव से मुक्त रखा जाना चाहिए। महाराज इस विषय में मुझे इतना ही कहना है। महाराज की जय हो। ” – यह कहकर बीरबल ने अपनी बात समाप्त कर दी।

“महाराज, बीरबल जी को तकनीकी फोबिया है। यह तकनीकी फ्रेंडली नहीं हैं। इसलिए यह तकनीकी का विरोध कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले इनका व्हट्स ऐप डिलीट हो गया था, यह उसको रिकवर करवाने मेरे पास ही आए थे। तब मैंने ही इनको ठीक करके दिया था। और महाराज ‘साम्राज्य की नई शिक्षा नीति’ में तकनीकी नवाचार को अपनाने की बात कही गयी है। बीरबल जी दूसरा विभाग देखते हैं, इसलिए उन्हें नई शिक्षा नीति का उतना ज्ञान नहीं है।”- न्यूरत्न ने अपनी बात के पक्ष में एक और तर्क रखा।

बीरबल का मन हुआ कि वह उठकर बोलें कि नई शिक्षा नीति में जिस तकनीकी नवाचार की बात की गयी है, वह वह नहीं है, जो आप समझ रहे हो। पर वह कुछ नहीं बोले।
……
समाप्त।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *