एक बार फिर पूरा उत्तरवन हंगामे की चपेट में है। जब से इस कम्बक्त फोन पर कैमरा क्या आया, सब पत्रकार बन बैठे हैं। इनका काम है किसी की बात को तोड़ना और मरोड़ना। अब यह कह रहे हैं कि फूलचंद हाथी ने उत्तरवन की जंगल सभा में ‘साले माउन्टेनी’ कहा। कोई इनसे पूछे कि आप जंगल सभा में गए थे क्या? भाई वहाँ उतने सारे एनिमल्स थे किसी ने सुना नहीं और आपने सुन लिया। दिन भर तो हेडफोन कान में घुसा रखा है। उससे सुनाई तो देता नहीं। कान में सुंस्याट होता रहता है। उस सुंस्याट में आपके कान बज गए। वह तो कह रहे थे कि ‘सारे माउन्टेनी’। वह सही तो कह रहे थे कि यह ‘सारे माउन्टेनीयों’ का जंगल नहीं है। अब भाई, क्या गलत कहा? सभी माउन्टेनी तो सुन्दरवन में आ गए। इसलिए अधिकांश एनिमल्स को बुरा भी नहीं लग रहा है। क्योंकि वह अब […]