कुछ समय पहले NEP 2020 की भावना के अनुरूप छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बस्ते का बोझ कम करने का आदेश एक आदेश आया है। हर कक्षा के लिए बस्ते के वजन की एक निश्चित सीमा तय की गई है, जिससे छात्र अपने बस्ते के भार से मुक्त होकर स्वस्थ वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकें। यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि छात्रों के लिए बढ़ता बस्ता न केवल शारीरिक रूप से हानिकारक है, बल्कि उनके मानसिक तनाव को भी बढ़ाता है। बच्चों का शारीरिक विकास इस उम्र में सबसे महत्वपूर्ण होता है, और भारी बस्ता उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। शोध बताते हैं कि अत्यधिक बस्ते का भार कंधों, रीढ़ की हड्डी, और पीठ पर दबाव डालता है, जिससे उनकी शारीरिक संरचना पर दीर्घकालिक असर हो सकता है। इसलिए, सरकार द्वारा प्रत्येक कक्षा के लिए बस्ते का एक निश्चित वजन […]
Month: October 2024
Confidential Report of Teachers and Homework
A news article today mentioned that while writing the confidential report of teachers, it will be observed whether teachers assign regular homework to students and evaluate it consistently. If this news is accurate, it has made me reflect as a teacher. Where did this suggestion come from? When we create any rule or law for teachers, students, or other stakeholders in education, it should be crafted holistically and with consideration of the curriculum, education policy, pedagogy, etc. The government’s decision is bound to increase the burden of studies on children. Every teacher, in the desire for higher marks, will attempt to assign more and more homework. However, the National Curriculum Framework 2005 and the New Education Policy emphasize reducing and making homework more interesting. In this context, making homework a basis for the teacher’s confidential report not only contradicts these policy objectives but can also have a negative impact on […]
शिक्षकों की गोपनीय आख्या और गृह कार्य।
आज एक खबर छपी है जिसमें लिखा है कि शिक्षकों की गोपनीय आख्या लिखते समय यह देखा जाएगा कि शिक्षक छात्रों को नियमित गृह कार्य देते हैं या नहीं और उसका नियमित मूल्यांकन करते हैं कि नहीं। अगर यह खबर सही है, तो एक शिक्षक के रूप में मुझे इस खबर ने थोड़ा सोचने पर मजबूर कर दिया। आखिर यह सलाह आयी कहाँ से होगी? हम जब शिक्षक, छात्र व शिक्षा के अन्य हितधारकों के लिए कोई नियम या कानून बनाते हैं उसको समग्रता के साथ और पाठ्यचर्या, शिक्षा नीति, पीडागोजी आदि को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। सरकार के इस निर्णय से बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ना तय है। क्योंकि हर अध्यापक अपने को अच्छे अंक मिलने के लालच में बच्चों को अधिक से अधिक होम वर्क देने की कोशिश करेगा। जबकि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 व नई शिक्षा नीति सैद्धांतिक रूप से गृह कार्य को कम करने […]
वरिष्ठता विवाद के कारण…
वरिष्ठता सरकारी विभागों में महत्वपूर्ण होती है, इसलिए इसके निर्धारण हेतु नियम बने हैं। वरिष्ठता निर्धारण के बेसिक सिद्धांत लगभग हर विभाग में एक जैसे ही होते हैं। उत्तराखंड राज्य में सभी विभागों के लिए एक कॉमन जेष्ठता नियमावली ‘उत्तरांचल सरकारी सेवक जेष्ठता नियमावली, 2002’ प्रभावी है। अगर अखबार की खबरों और सोशल मीडिया में चर्चा-परिचर्चा को आधार माने, तो वरिष्ठता विवाद की सबसे ज्यादा चर्चा शिक्षा विभाग में दिखायी देती है। और यह विवाद पिछले 12 वर्षों से चला आ रहा है। कोर्ट में मामला है पर बारह वर्ष बाद भी अभी इस पर फैसला नहीं हो पाया है। इसको इस तरह भी देखा जा सकता है कि विभाग से कुछ ऐसी चूक हुयी हैं जिसके कारण मामला अब तक लंबित पड़ा हुआ है। जानकार लोगों का कहना है कि कभी-कभी कुछ ऐसे निर्णय हो जाते हैं जो तत्कालीन नियमावली के प्रावधानों के विपरीत हो जाते हैं। और कालांतर […]
हंगामा है क्यों वरपा..
उत्तरवन में एक बार फिर बेफालतू बात पर हंगामा खड़ा हो गया है। सुना है एक खरगोश जो उत्तरवन में शिक्षक है, उसने जंगल की व्यवस्था के सामने आइना रख दिया। ऐसा करने पर उसको निलंबित कर दिया गया है। ठीक ही तो किया? अब कोई उस खरगोश को समझाये कि भाई जंगल में आइने का क्या काम? पता नहीं कैसे-कैसे खरगोश शिक्षक बन जाते हैं। जंगल में हाथियों के साथ रह रहे हैं। उनके पास से न जाने कितनी बार गुजरे होंगे। पास से न सही दूर से तो देखा ही होगा कि ‘हाथी के खाने के दाँत और दिखाने के दाँत’ अलग-अलग होते हैं। ठीक है जी जंगलतन्त्र को समाप्त हुए 75 साल हो गए हैं या 100 साल भी हो जाँय। तब भी जंगल के प्राकृतिक नियम तो नहीं बदलेंगे न? जंगल के कुछ अनकहे नियम होते हैं। उन नियमों का सम्मान करना सीखिए। आखिर वह हमारी […]